KYC क्या है और इसे कैसे करें?| KYC क्यों जरुरी है? पूरी जानकारी।

इस आर्टिकल में आपको KYC क्या होता है, इसके प्रकार, आवश्यक दस्तावेज़ों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। यह आर्टिकल आपको KYC के महत्व के बारे में भी बताएगा। KYC का पूर्ण रूप Know Your Customer है। यह एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य यह है कि बैंक, बीमा कंपनियों, फाइनेंस कंपनियों और अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा उनके ग्राहकों की पहचान और उनकी वित्तीय गतिविधियों को सत्यापित करना है।

Table of Contents

केवाईसी (KYC) क्या है ?

KYC का मतलब होता है “Know Your Customer” (अपने ग्राहक को जानिए)। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें वित्तीय संस्थाएं, बैंक, और अन्य वित्तीय अंतरवर्ती जैसे बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड हाउसेज आदि अपने ग्राहकों की पहचान को सत्यापित करते हैं।

KYC जरूरी क्यों है ?

KYC जरूरी क्यों है? KYC प्रक्रिया की मुख्य उपयोगिता उन संस्थाओं के लिए है जो वित्तीय लेनदेनों के लिए उपयोग किए जाते हैं। इससे वे अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि कर सकते हैं और वे सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे वास्तव में उन लोगों से वित्तीय लेनदेन कर रहे हैं जिन्होंने खाते को खोला है।

इसके अलावा, KYC अपने ग्राहकों को सुरक्षित रखने में भी मदद करता है। वित्तीय लेनदेन के दौरान उपयोगकर्ता की पहचान की पुष्टि करने से इसका उपयोग धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों को रोकने में मदद करता है।

ई-केवाईसी क्या है? कैसे किया जाता है ?| What is e-KYC in Hindi ?

ई-केवाईसी (e-KYC) एक विशेष प्रकार का केवाईसी है जो व्यक्ति की पहचान की पुष्टि ऑनलाइन तरीके से करता है। इसका उपयोग बैंकिंग, बीमा और अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा उनके ग्राहकों की पहचान सत्यापन के लिए किया जाता है।

ई-केवाईसी का उपयोग कैसे किया जाता है ?

ई-केवाईसी (e-KYC) का उपयोग विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में व्यक्तियों की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाता है। इसमें आपकी पहचान आधार कार्ड द्वारा की जाती है। निम्नलिखित कुछ क्षेत्रों में ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है:

  1. बैंकिंग: ई-केवाईसी का उपयोग नए बैंक खाते खोलने के लिए, नए लोनों और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए और पुराने खातों की विवरणों को अपडेट करने के लिए किया जाता है।
  2. बीमा: ई-केवाईसी का उपयोग बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसी होल्डर की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाता है।
  3. म्यूचुअल फंड: ई-केवाईसी का उपयोग म्यूचुअल फंड निवेश करने के लिए किया जाता है।
  4. मोबाइल सिम कार्ड: ई-केवाईसी का उपयोग नए मोबाइल सिम कार्ड खरीदने के लिए भी किया जाता है।

E-KYC क्या है ?

E-KYC एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जो आधार आधारित होती है और इसका उपयोग व्यक्ति या संस्था की पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया आधार कार्ड जैसे विभिन्न पहचान पत्रों के उपयोग से किया जाता है

जो व्यक्ति की जानकारी को सत्यापित करते हैं। E-KYC का उपयोग आधार नंबर, पता और अन्य विवरणों की सत्यापित प्रक्रिया के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग बैंकिंग, बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं में आमतौर पर किया जाता है।

E-KYC कैसे करें? | ई-केवाईसी कैसे किया जाता है?

इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड नंबर के साथ वित्तीय संस्था की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आपके आधार कार्ड के जानकारी जैसे नाम, पता, जन्मतिथि और आधार कार्ड नंबर आपको दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।

इसके बाद, आपको अपनी तस्वीर और आधार कार्ड की स्कैन कॉपी अपलोड करने की आवश्यकता होगी। फिर आपका वेरिफिकेशन हो जाएगा और आपको आपके ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर पर एक ई-केवाईसी जारी की जाएगी।

ई-केवाईसी का उपयोग वित्तीय संस्थाओं में नए खातों को खोलने, लोन अनुपात, क्रेडिट कार्ड आवेदन और अन्य वित्तीय लेनदेनों के लिए किया जाता है

KYC क्यों करते है?|KYC क्यों है महत्वपूर्ण

KYC (Know Your Customer) का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों की पहचान और वे अवैध गतिविधियों से बचना होता है। यह आपके व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करता है और अनाधिकृत पहुंच से आपकी निजी जानकारी को बचाने में मदद करता है।

विभिन्न सेवाओं जैसे बैंकिंग, बीमा, मोबाइल सिम, शेयर ट्रेडिंग, इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट और अन्य वित्तीय सेवाओं में KYC अनिवार्य होता है। इससे संभवतः अपर्याप्त जानकारी के बढ़ते खतरों से बचा जा सकता है और अवैध गतिविधियों जैसे धोखाधड़ी, धन लेन-देन, पैसे का प्रवाह आदि से रोका जा सकता है।

KYC से फायदा क्या होता है ?

KYC (Know Your Customer) का उपयोग विभिन्न लेनदेन जैसे खाता खोलने, बैंक उपयोगकर्ता की पहचान या पेमेंट ट्रांजेक्शन के दौरान सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। यह उन उद्योगों के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है जो ग्राहकों के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं और सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ग्राहक सचमुच वे हैं जिन्हें वे दावा करते हैं कि वे हैं।

इसके अतिरिक्त, KYC की मदद से व्यवसाय और संगठनों को ग्राहकों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है जो उन्हें अपनी विपणन, उत्पादन या सेवा प्रदान करने के लिए उपयोगी होती है। यह उन्हें अपनी सेवाओं या उत्पादों को अपने ग्राहकों के लिए बेहतर बनाने और उनकी आवश्यकताओं को समझने में मदद करता है।

इसके अलावा, KYC का उपयोग भ्रष्टाचार और धनग्रहण से बचाव करने में भी मदद करता है। KYC की प्रक्रिया भ्रष्टाचार के लिए एक बड़ी बाधा होती है।

केवाईसी के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स।

केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित है:

  1. आधार कार्ड: आधार कार्ड एक पहचान पत्र है जो भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है। आधार कार्ड में नाम, पता, जन्म तिथि और फोटो शामिल होते हैं। आधार कार्ड को केवाईसी के लिए प्रमाणित करने के लिए आधार नंबर और आधार कार्ड की प्रति की आवश्यकता होती है।
  2. पासपोर्ट: यदि आपके पास पासपोर्ट है, तो इसे केवाईसी के लिए प्रमाणित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, अन्य दस्तावेज भी केवाईसी के लिए प्रमाणित करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी कार्ड।
  3. पता प्रमाण पत्र: इसमें आपके नाम, पता और तिथियां होती हैं। इसे बैंक या अन्य संस्थाओं में आपकी पहचान के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
  4. व्यक्तिगत पहचान पत्र: जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि। इन सभी दस्तावेजों में आपकी पहचान की जा सकती है

कुछ और महत्वपूर्ण टिप्स:

  1. अपने डॉक्यूमेंट्स की कॉपी सुरक्षित रखें। अधिकतम अवधि के लिए, उन्हें एक सुरक्षित अगले जगह पर स्टोर करें जहां कोई अनधिकृत व्यक्ति नहीं पहुंच सकता है।
  2. यदि आपके पास वास्तविक डाक्यूमेंट्स नहीं हैं, तो आप अपने निकटतम आधार केंद्र में जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
  3. केवाईसी दस्तावेजों की जाँच करने के लिए अधिकतम समय 24 घंटे होता है। इसलिए, आपको डाक्यूमेंट्स को तैयार रखने के लिए समय देना चाहिए।
  4. आप इंटरनेट के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड की आवश्यकता होती है।
  5. कई बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने अपनी अलग-अलग केवाईसी प्रक्रियाएं रखी हैं। इसलिए, जब आप एक नए बैंक या वित्तीय संस्था में खाता खोलते हैं, तो उनकी केवाईसी प्रक्रिया को समझना अहम होता है।

ई-केवाईसी के फायदे | Benefits of e-KYC

ई-केवाईसी के निम्नलिखित फायदे हैं:

  1. अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होती है: ई-केवाईसी के माध्यम से आप अपने दस्तावेजों को स्कैन नहीं करने के लिए अतिरिक्त शुल्क भुगतान करने से बच सकते हैं।
  2. सुरक्षित: ई-केवाईसी आपकी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखता है, क्योंकि आपकी जानकारी केवल एक बार ही संग्रहित होती है और अतिरिक्त संग्रहण की आवश्यकता नहीं होती है।
  3. आसान: ई-केवाईसी का उपयोग करना बहुत आसान होता है। इसके लिए आपको दस्तावेजों को स्कैन करने की आवश्यकता नहीं होती है और आप घर बैठे ही अपने विवरणों को ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं।
  4. समय की बचत: ई-केवाईसी के माध्यम से आप अपनी पहचान को पुष्टि कर सकते हैं बिना किसी देरी के।
  5. आर्थिक लाभ: बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए, ई-केवाईसी का उपयोग करना लागत कम कर सकता है

केवाईसी नंबर क्या है

KYC नंबर वास्तव में एक ऐसा नंबर होता है, जो बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले KYC विवरण को भी संदर्भित करता है। KYC नंबर एक अकेले अंकों का या अकेले अक्षरों का कोड होता है जो एक विशिष्ट खाते को आईडेंटिफाई करने के लिए उपयोग किया जाता है। KYC नंबर को उदाहरण के लिए आधार कार्ड नंबर भी संदर्भित करता है।

ई-केवाईसी के प्रकार | Types of e-KYC

ई-केवाईसी के विभिन्न प्रकार हैं जो विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जाते हैं। कुछ प्रमुख ई-केवाईसी के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. बैंक ई-केवाईसी: यह ई-केवाईसी प्रकार बैंक खातों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके लिए, व्यक्ति अपनी पहचान आधार कार्ड का उपयोग करते हुए बैंक में अपने खाते को ओपन करवा सकता है।
  2. बीमा ई-केवाईसी: इस प्रकार की ई-केवाईसी का उपयोग बीमा कंपनियों द्वारा नीति कारकों की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाता है। यह नीति होल्डर के व्यक्तिगत और वित्तीय विवरणों को सुरक्षित रखती है।
  3. मोबाइल ई-केवाईसी: यह ई-केवाईसी प्रकार नए मोबाइल सिम कार्ड खरीदने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके लिए, व्यक्ति अपनी पहचान आधार कार्ड का उपयोग करते हुए नए सिम कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है।
  4. डिजिटल ई-केवाईसी: यह ई-केवाईसी प्रकार आधार कार्ड और बैंकिंग कार्ड जैसी विभिन्न पहचान पत्र

केवाईसी या ई-केवाईसी के प्रमुख उपयोग

केवाईसी या ई-केवाईसी का प्रमुख उपयोग निम्नलिखित है:

  1. निवेश: विभिन्न निवेश उत्पादों में निवेश करने से पहले, वित्तीय संस्थाओं और ब्रोकरों को निवेशक की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  2. बैंकिंग: बैंकों द्वारा नए खाते खोलने और वित्तीय लेनदेनों को सुनिश्चित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  3. बीमा: बीमा कंपनियों द्वारा नीति कारकों की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  4. मोबाइल सिम कार्ड: नए मोबाइल सिम कार्ड खरीदने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  5. वित्तीय लेनदेन: विभिन्न वित्तीय लेनदेनों में पहले व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  6. डिजिटल लॉकर: कुछ बैंक और वित्तीय संस्थाएं डिजिटल लॉकर सेवाएं प्रदान करती हैं जहाँ वे अपने ग्राहकों के विभिन्न दस्तावेज और रिकॉर्ड को सुरक्षित रखते हैं। इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए, केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  7. ऑनलाइन संबंध: कुछ ऑनलाइन सेवाएं, जैसे डिजिटल भुगतान, ई-कॉमर्स वेबसाइट आदि व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग करती हैं।
  8. सरकारी सेवाएं: सरकारी विभागों के लिए भी केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है, जैसे आधार कार्ड अधिकारियों द्वारा पहचान प्रमाणित करने के लिए।
  9. लॉन: बैंकों द्वारा विभिन्न तरह के ऋण उत्पादों के लिए लोन अप्लाई करने से पहले व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग किया जाता है।
  10. पेंशन योजनाएं: पेंशन यदि आप वृद्धावस्था के लिए पेंशन योजनाएं लेना चाहते हैं, तो केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग करके आपकी पहचान प्रमाणित की जा सकती है। आपको योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए अपने आधार कार्ड नंबर और अन्य विवरणों की जरूरत होगी।
  11. मोबाइल नंबर और ईमेल पते का प्रमाणीकरण: कुछ कंपनियों अपने ग्राहकों के मोबाइल नंबर और ईमेल पते को प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग करती हैं।
  12. एडमिट कार्ड के लिए पहचान प्रमाणित करना: कुछ परीक्षा संगठन एडमिट कार्ड जारी करते समय व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए केवाईसी या ई-केवाईसी का उपयोग करते हैं।

इस तरह से, केवाईसी या ई-केवाईसी के उपयोग संबंधित संस्थाओं और ग्राहकों के बीच सुरक्षित और आसान संचार के लिए किया जाता है।

बॉयोमेट्रिक सत्यापन की मदद से | Biometric authentication

बॉयोमेट्रिक सत्यापन एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति की शारीरिक विशेषताओं का उपयोग करके उसकी पहचान की जाती है। यह एक प्रक्रिया है जो व्यक्ति की निजी और सुरक्षित पहचान करने में मदद करती है और कई विभिन्न प्रकार के बॉयोमेट्रिक विधियों का उपयोग करके किया जा सकता है। यह विधियाँ व्यक्ति के शारीरिक विशेषताओं के आधार पर काम करती हैं, जैसे कि उंगली के अंगूठे की प्रतिक्रिया, नेत्र छिद्र, चेहरे का स्कैन, आवाज की विशिष्टता और अन्य शारीरिक विशेषताएँ।

बॉयोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि सुरक्षा प्रणालियों में पहुंच की निगरानी, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में ग्राहक पहचान, स्थानीय प्रशासन और यात्रा पहचान जैसे क्षेत्रों में।

आधार OTP की मदद से

बॉयोमेट्रिक सत्यापन की मदद से निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:

  1. पंजीकरण: उपयोगकर्ता को सिस्टम में पंजीकृत करने के लिए उनकी बॉयोमेट्रिक विशेषताओं की पंजीकरण की जाती है, जैसे कि उंगली के अंगूठे की प्रतिक्रिया, नेत्र छिद्र, चेहरे का स्कैन या अन्य बॉयोमेट्रिक विशेषताएँ।
  2. बायोमेट्रिक डेटा ग्रहण: पंजीकृत उपयोगकर्ता की बॉयोमेट्रिक विशेषताएँ सिस्टम द्वारा ग्रहण की जाती हैं और सिस्टम में संग्रहीत की जाती हैं।
  3. OTP भेजना: सिस्टम सिस्टम द्वारा पंजीकृत उपयोगकर्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजता है, जो एक बार का पासवर्ड होता है।
  4. OTP सत्यापन: उपयोगकर्ता अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त किए गए OTP को सिस्टम में दर्ज करता है, जो सिस्टम द्वारा भेजे गए OTP की सत्यापन करता है।

Aadhaar XML file से सत्यापन

Aadhaar XML फ़ाइल सत्यापन (verification) के लिए आप निम्नलिखित कदमों का अनुसरण कर सकते हैं:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: आपको आधिकारिक Unique Identification Authority of India (UIDAI) की वेबसाइट पर जाना होगा, जो Aadhaar कार्ड के लिए अधिकृत संगठन है। वेबसाइट पर आपको “Verify Aadhaar” या “Verify XML” जैसा विकल्प मिलेगा। आप उस विकल्प पर क्लिक करें।
  2. आधार विवरण दर्ज करें: वेबसाइट पर आपको एक फ़ॉर्म दिखाई देगा जिसमें आपको अपना Aadhaar नंबर, नाम, और आपकी फ़ाइल में XML दिखाई गई जानकारी जैसे कि “फ़ाइल टाइप” और “फ़ाइल की गणना जानकारी” दर्ज करनी होगी। आपको यह सभी विवरण दर्ज करने के बाद “Submit” या “Verify” बटन पर क्लिक करना होगा।
  3. सत्यापित परिणाम प्राप्त करें: UIDAI वेबसाइट आपकी दर्ज की गई जानकारी को सत्यापित करेगी और आपको सत्यापित परिणाम दिखाएगी। यदि आपकी XML फ़ाइल सत्यापित है, तो आपको सत्यापित संदेश दिखाई देगा, जो आपको आपकी फ़ाइल की सत्यता की पुष्टि करेगा।

QR कोड की मदद से सत्यापन

QR कोड सत्यापन एक तरह का आपत्तिजनक गतिविधि है जो डिजिटल सुरक्षा में मदद करता है जिसका उपयोग वेबसाइट, ऐप्स, या अन्य डिजिटल सेवाओं की पहचान करने के लिए किया जाता है. QR कोड सत्यापन के माध्यम से एक उपयोगकर्ता एक वेबसाइट, ऐप या सेवा की वैधता की जांच कर सकता है और फिशिंग या मालवेयर जैसे किसी खतरनाक क्रिया से बच सकता है.

QR कोड सत्यापन के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. सत्यापन टूल या ऐप डाउनलोड करें: एक QR कोड सत्यापन टूल या ऐप डाउनलोड करें जो आपको वेबसाइट या सेवा की पहचान करने में मदद कर सकता है. इन ऐप्स को आप अपने स्मार्टफोन के ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं.
  2. QR कोड स्कैन करें: सत्यापन टूल या ऐप को खोलें और QR कोड को स्कैन करें. आपके स्मार्टफोन की कैमरा या QR कोड स्कैन करने के लिए निर्धारित स्कैनर का उपयोग कर सकता है.
  3. सत्यापन करें: QR कोड स्कैन करने के बाद, सत्यापन टूल या ऐप आपको वेबसाइट या सेवा की व

घर बैठे kyc कैसे करे ?

आप अपने घर से ऑनलाइन केवाईसी (Online KYC) कर सकते हैं। बहुत सारे बैंक और डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा अपने वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-केवाईसी की सुविधा उपलब्ध होती है।

आप इन चरणों का पालन करके अपने घर से ई-केवाईसी कर सकते हैं:

  1. बैंक या लेंडर की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएं।
  2. अपना बैंक अकाउंट या लोन आवेदन विवरण दर्ज करें।
  3. आपको पहचान और पता पत्र स्कैन करने के लिए कहा जाएगा।
  4. अपनी पहचान और पता पत्र की स्कैन की गई छवियों को अपलोड करें।
  5. आपके द्वारा दिए गए विवरण और स्कैन दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए आपको एक या एक से अधिक विशेषज्ञों द्वारा संपर्क किया जाएगा।
  6. अगर सभी विवरण सत्य होते हैं तो आपकी ई-केवाईसी पूर्ण हो जाएगी।

आप अपने बैंक अकाउंट या लोन आवेदन के संबंध में ई-केवाईसी करने के लिए अपने बैंक या लेंडर की आधिकारिक वेबसाइट या mobile app जाकर देख सकते है

कुछ बैंक और डिजिटल वॉलेट कंपनियां आपको घर बैठे KYC करने की सुविधा प्रदान करती हैं। आप उनकी वेबसाइट पर जाकर अपनी डिटेल्स भरकर KYC प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक वैध आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की आवश्यकता होती है। आप अपनी पसंद के अनुसार डिजिटल वॉलेट या बैंक के वेबसाइट पर जाकर घर बैठे KYC कर सकते हैं।

Aadhar Kyc online

आधार KYC ऑनलाइन करने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:

  1. आधार KYC पोर्टल पर जाएं: आधार KYC पोर्टल https://resident.uidai.gov.in/kyc एक आधार आधारित पहचान प्रक्रिया है, जिसमें आपके आधार नंबर के साथ आपके दस्तावेज़ों को सत्यापित किया जाता है।
  2. आधार नंबर दर्ज करें: इस पोर्टल पर जाने के बाद, आपको अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा और “ओटीपी” बटन पर क्लिक करें।
  3. ओटीपी प्राप्त करें: आपके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जो आपको इस पोर्टल पर दर्ज करना होगा।
  4. सत्यापन: उसके बाद, आपको अपना नाम, पता, जन्म तिथि, और अन्य आवश्यक विवरण दर्ज करने के बाद, अपने दस्तावेज़ों की सत्यापित की जानी है।
  5. KYC सत्यापन का प्रमाणपत्र: सत्यापन पूरा होने के बाद, आपको एक KYC सत्यापन का प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, जो आपको अपने बैंक खाते या अन्य वित्तीय संस्थानों में जमा करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

बैंक खाते मे केवाईसी नहीं करने पर क्या होता है

बैंक खाते में KYC न करने के कुछ प्रभाव हो सकते हैं। जैसे कि:

खाते खोलने से रोक: बैंकों के नियमों के अनुसार, KYC नहीं करने पर बैंक आपके खाते को खोलने से रोक सकता है।

नियमित लेनदेन की सीमा: KYC नहीं करने पर बैंक आपके खाते में नियमित लेनदेन की सीमा तय कर सकता है। इससे आपके खाते से पैसे निकालने और जमा करने के लिए आपको अधिक प्रमाणित दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता हो सकती है।

खाते का बंद हो जाना: KYC नहीं करने पर बैंक आपके खाते को बंद कर सकता है। इससे आपके खाते से संबंधित सभी सुविधाएं जैसे ईमेल स्टेटमेंट, ऑनलाइन बैंकिंग आदि बंद हो सकती हैं।

धनरक्षक कार्रवाई: यदि आपके खाते में अवैध धनराशि डाली जाती है, तो KYC के माध्यम से बैंक आपकी पहचान और लेनदेन की जाँच कर सकता है। इससे आपके खाते से धनरक्षक कार्रवाई की जानकारी नहीं होने से आपको नुकसान हो सकता है।
इसलिए, KYC बैंक खाते के लिए जरूरी होता है

bank me kyc kya hota hai बैंक केवाईसी क्या है | बैंक केवाईसी ऑनलाइन कैसे करते है ?

बैंक केवाईसी एक विधि है जो बैंकों द्वारा उनके ग्राहकों की पहचान और विवरणों को सत्यापित करने के लिए उपयोग की जाती है। यह विधि बैंकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसके माध्यम से वे अपने ग्राहकों की पहचान सत्यापित कर सकते हैं और फर्जी खातों और अन्य गलतियों से बच सकते हैं।

बैंक केवाईसी के लिए, ग्राहकों को आमतौर पर उनके पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे डाक्यूमेंट्स सबमिट करने की आवश्यकता होती है। इन दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, बैंक उनके ग्राहकों के लिए खाते खोल सकती हैं और विभिन्न वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर सकती हैं।

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निष्कर्ष

इस लेख में हमने KYC के बारे में जानकारी दी है। की kyc क्या होता है , इसकी आवश्यकता क्यों होती है , और इसके क्या लाभ है इन सभी के बारे में चर्चा की है। KYC की प्रक्रिया डिजिटल वित्तीय दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण है और इसे समझना आवश्यक है। अगर आप अपने बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाना चाहते है अपनी केवाईसी जरूर करवानी चाहिए ।

अगर आपको हमारे द्वारा दी हुई यह जानकारी अच्छी लगी तो हमे comment करके जरूर बताए इसके साथ ही इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ social media पर share करना न भूले ओर अगर आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमे कमेन्ट करके पूछ सकते है धन्यवाद ।

Q.1 kyc full form | केवाईसी का फुल फॉर्म क्या है

Ans. KYC का Full Form “Know Your Customer” होता है।

Q.2 केवाईसी क्या होता है हिंदी में | kyc kya hota hai bataiye

Ans. केवाईसी का हिन्दी मे मतलब होता है “अपनी पहचान सत्यापन” जो किसी व्यक्ति या संगठन की पहचान और उनकी विवरणों को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।

Q.3 क्या बैंक अकाउंट के लिए केवाईसी जरूरी है ?

Ans. हाँ, बैंक अकाउंट के लिए केवाईसी जरूरी होती है। बैंकों को विभिन्न नियमों और विधियों के अनुसार KYC की प्रक्रिया पूर्ण करना अनिवार्य होता है। KYC के बिना बैंक खाते खोलने या निर्माण करने में असमर्थ होता है। इसके अलावा, बैंकों को KYC का पालन करना आर्थिक अपराधों से बचने और बैंकिंग नियमों का पालन करने में मदद करता है।

Q.4 केवाईसी कितनी बार किया जाता है ?

Ans. KYC की प्रक्रिया को एक बार पूरा करना होता है। यानि जब आप नया खाता खोलते हैं, तब आपको KYC की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

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