Lic IPO news , lic IPO date 2022 in hindi

आज डीमैट खातों की संख्या देश में और तेजी से बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने Lic IPO लाने की तैयारी कर ली हैएलआईसी शेयर की लिस्टिंग से भारत के मार्केट कैप को बढ़ावा देने और सरकार को बहुत जरूरी विनिवेश आय लाने में मदद मिलेगी इस आईपीओ को लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी और भी तेज कर दी है कंपनी इसको वर्ष 2021 के अंत तक या 2022 में लाने की तैयारी कर रही है यह IPO देश का सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है कुछ लोगों का मानना है कि इस आईपीओ से investors को बहुत ज्यादा फायदा होगा सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक Lic IPO आ जाएगा।

LIC IPO NEWS

एलआईसी शेयरों की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजारों के लिए एक बूस्टर के रूप में काम करेगी और साथ ही सरकार के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य के मामले में राहत लाएगी। “एलआईसी का आईपीओ कई रुझान स्थापित करेगा। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इसके अलावा यदि पॉलिसीधारक अपने लिए आरक्षित आईपीओ के प्रस्तावित 10% की सदस्यता लेने के अवसर का उपयोग करते हैं, तो इससे कई लाख खुलेंगे।

Lic IPO NEWS

lic ipo का इंतजार अब ख़त्म हुआ (finance minister nirmala sitharaman) वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने lic ipo के बारे में कहा की आईपीओ मार्च 2022 से पहले ही आ सकता है देश की सबसे बड़ी इन्स्योरेन्स कंपनी का आईपीओ इस साल बहुत ही जल्द आ सकता है lic ipo के निवेशकों के लिए यह एक बहुत अच्छी खबर है सरकार ने इस वित् वर्ष में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है और ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे

भारतीय शेयर बाजार के लिए एलआईसी आईपीओ( lic ipo) लॉन्च कर रहा है केंद्र सरकार ने lic ipo को मंजूरी दे दी है यह आईपीओ शेयर बाजार में लिस्ट होने से हर इन्वेस्टरों को बहुत ज्यादा फायदा होगा और इसके साथ सरकार को भी इस आईपीओ से बहुत ज्यादा मुनाफा होगा इसीलिए इस आईपीओ को देश का सबसे बड़ा और अच्छा आईपीओ माना जा रहा है

Lic देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी है इस कारण इस आईपीओ से सरकार को और बहुत से लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीद है कि Lic IPO मार्केट में एक नया बदलाव ला सकता हैं आने वाले IPO में सबसे ज्यादा इस पर लोगों का ध्यान ज्यादा है क्योंकि यह सार्वजनिक स्वामित्व वाली कंपनी (भारतीय जीवन बीमा निगम )है एलआईसी आईपीओ लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी कर ली है

वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार, बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम नहीं हैं भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर लागू होता है, जिसे एक अलग एलआईसी अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता हैै इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी।”

मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर लागू नहीं होते हैं, जिसे एक अलग एलआईसी अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। ।

बैंको को LIC IPO से फायदे

16 मर्चेंट बैंकर मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग को मैनेज करने की होड़ में हैं। ये बैंकर सप्ताह के दौरान दीपम के समक्ष प्रस्तुतीकरण देंगे।बीमा दिग्गज की सार्वजनिक पेशकश के साथ आगे बढ़ते हुए, सरकार इस सप्ताह एलआईसी आईपीओ के लिए निवेश बैंकरों को अंतिम रूप देगी, जिसमें 16 मर्चेंट बैंकर बहुप्रतीक्षित शेयर बिक्री का प्रबंधन करने की दौड़ में शामिल होंगे।1.75 लाख करोड़ रुपये में से 1 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने से आना है। शेष 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश प्राप्तियों के रूप में आएंगे।

गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन, बोफा सिक्योरिटीज सहित कई अंतरराष्ट्रीय बैंकरों ने बहुप्रतीक्षित पेशकश के प्रबंधन में रुचि दिखाई है और 16 बुक-रनिंग लीड मैनेजर अगले दो दिनों में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के समक्ष एक प्रस्तुति देंगे।

बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और डीएसपी मेरिल लिंच लिमिटेड (जिसे अब बोफा सिक्योरिटीज के नाम से जाना जाता है) सहित सात अंतरराष्ट्रीय बैंकर प्रेजेंटेशन देंगे। सरकार के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी की लिस्टिंग महत्वपूर्ण होगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और निजीकरण से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

डेलॉइट और एसबीआई कैप्स को प्री-आईपीओ लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया है। 16 मर्चेंट बैंकर मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग को मैनेज करने की होड़ में हैं।

दीपम ने जनवरी में बीमांकिक फर्म मिलिमन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को आईपीओ से पहले एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य का आकलन करने के लिए नियुक्त किया था, जिसे भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा सार्वजनिक मुद्दा माना जाता है।

सेबी के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक पेशकश के तहत एफपीआई और एफडीआई दोनों की अनुमति है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेशी निवेशकों की भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानदंडों के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है। कैबिनेट ने जुलाई में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी दी थी।

सरकार आईपीओ-बाध्य एलआईसी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार, बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम नहीं हैं भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर लागू होता है, जिसे एक अलग एलआईसी अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता है की अनुमति दे सकती है

सरकार के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी की लिस्टिंग महत्वपूर्ण होगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और निजीकरण से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। 1.75 लाख करोड़ रुपये में से 1 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने से आना है। शेष 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश प्राप्तियों के रूप में आएंगे।

बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और डीएसपी मेरिल लिंच लिमिटेड (जिसे अब बोफा सिक्योरिटीज के नाम से जाना जाता है) सहित सात अंतरराष्ट्रीय बैंकर प्रेजेंटेशन देंगे।

सरकार पहले ही प्रस्तावित आईपीओ के लिए एलआईसी अधिनियम में आवश्यक विधायी संशोधन ला चुकी है। डेलॉइट और एसबीआई कैप्स को प्री-आईपीओ लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया है।

दीपम ने जनवरी में बीमांकिक फर्म मिलिमन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को आईपीओ से पहले एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य का आकलन करने के लिए नियुक्त किया था, जिसे भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा सार्वजनिक मुद्दा माना जाता है।

कैबिनेट ने जुलाई में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी दी थी।

LIC IPO में विदेशी निवेश

पिछले कुछ हफ्तों से प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। यह अंतर-मंत्रालयी चर्चा के लिए भी जाएगा और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी

एलआईसी में विदेशी निवेश की अनुमति दे सकती है सरकार भारतीय सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने पर विचार कर रही है। भारतीय सरकार का यह एक ऐसा कदम है जिससे विदेशी निवेशकों को (LIC)एलआईसी के आईपीओ में हिस्सा लेने में मदद मिलेगी। इस प्रस्ताव पर वित्तीय सेवा विभाग और निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के बीच चर्चा चल रही है।

पिछले हफ्ते, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि Lic ipo के बाद बीमा कारोबार का लगभग 60% सूचीबद्ध कंपनियों के पास होगा। पिछले महीने, केंद्रीय कैबिनेट ने बीमा दिग्गज की लिस्टिंग को मंजूरी दे दी थी, जिसके चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है।

भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। सेबी के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक पेशकश के तहत एफपीआई और एफडीआई दोनों की अनुमति है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेशी निवेशकों की भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानदंडों के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।

lic ipo benefits to policyholders

सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक एलआईसी का आईपीओ आ जाएगा। निर्गम आकार का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा।सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक lic  ipo आ जाएगा। निर्गम आकार का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा। सरकार पहले ही प्रस्तावित आईपीओ के लिए एलआईसी अधिनियम में आवश्यक विधायी संशोधन ला चुकी है।

आज हमने इस पोस्ट के जरिये lic  ipo के बारे में जाना की lic  ipo  से किस प्रकार देश को और शेयर मार्किट को फायदा होगा अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो हमे कमेंट करके जरूर बताये और इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया एव दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले धन्यवाद ।

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